शुक्रवार 30 मई को NDA यानी नेशनल डिफेंस एकेडमी से 17 महिला कैडेट्स पास होने जा रही हैं। इतिहास में यह पहली बार होगा जब 17 महिला कैडेट्स 300 से ज्यादा पुरुषों के साथ NDA से ग्रेजुएट होंगी। ये भारतीय सेना, नेवी और एयर फोर्स जॉइन करेंगी। 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं को NDA परीक्षा देने की अनुमति देने का आदेश दिया था। इसके बाद 2022 में पहली बार 17 महिला कैडेट्स का बैच NDA में शामिल हुआ था। सुबह 6:30 बजे से शुरू होगी परेड पासिंग आउट परेड पुणे के खडकवासला स्थित NDA परिसर में सुबह 6 बजे से होगी। परेड में कैडेट्स के माता-पिता, सीनियर सैन्य अधिकारी और विशेष आमंत्रित गेस्ट्स शामिल होंगे। पिता हवलदार, डिविजन कैडेट कैप्टन बनेगी बेटी NDA से पास होने वाली हरियाणा की हरसिमरन कौर यहां से पास होने के बाद इंडियन नेवल अकेडमी जाएंगी। इसके साथ ही उन्हें डिविजन कैडेट कैप्टन का पद मिलेगा। कौर ने बताया, ‘NDA जॉइन करने के पीछे मेरा यही उद्देश्य था कि मैं मिलिट्री में जल्दी करियर शुरू कर पाऊं। मेरे पिता आर्मी से हवलदार के पद से रिटायर हुए हैं। मेरे दादा भी आर्मी में ही थे। यही वजह है कि आर्म्ड फोर्सेज से मैं गहरा जुड़ाव महसूस करती हूं।’ हरसिमरन कौर कहती हैं कि जब मैं NDA पहले दिन आई थी तो कैडेट्स को मार्च करते हुए देखकर, अलग-अलग लोगों को यूनिफॉर्म में देखकर रोमांचित हो गई थी। मिलिट्री जॉइन करने वाली परिवार की पहली लड़की इशिता हरसिमरन की ही तरह इशिता शर्मा भी DCC बनने वाली हैं। वो एक नॉन-मिलिट्री बैकग्राउंड से आती हैं। उनके माता-पिता कॉर्पोरेट सेक्टर में जॉब करते हैं और बड़े भाई आईटी प्रोफेश्नल हैं। 2022 में इशिता इकोनॉमिक्स से ग्रेजुएशन कर रही थीं जब NDA में लड़कियों को एडमिशन की परमिशन मिली। इशिता ने अप्लाई किया और सिलेक्शन हो गया। NDA में अपनी ट्रेनिंग को लेकर वो कहती हैं, ‘NDA में बिताए तीन साल से मेरी लाइफ बदल गई है। मेरी पर्सनैलिटी पहले से काफी बेहतर हो गई है। एकेडमी जॉइन करने के पहले मैं इंट्रोवर्ट थी लेकिन यहां मैंने कई नए दोस्त बनाए। मेरे कोर्समेट अब परिवार बन चुके हैं।’ एयरफोर्स में थे पिता, अब बेटी देश की सेवा में श्रीती दक्ष के पिता एयरफोर्स में विंग कमांडर के पद से रिटायर्ड हैं। श्रीती कहती हैं कि जैसा उन्होंने सोचा था NDA का एक्सपीरियंस उससे भी बेहतर है। एकेडमी में आकर उन्हें समझ आया कि मिलिट्री ट्रेनिंग का असली एक्सपीरियंस कैसा होता है। NDA के अपने पहले दिन को लेकर श्रीती ने बताया, ‘मेरे पिता मुझे यहां छोड़ने आए थे। उन्हें मुझपर गर्व था और अपने दिनों को याद भी कर रहे थे। मैं बस कुछ ही दिन दूर हूं जब मैं वो पल महसूस कर पाऊंगी जो मेरे पिता ने भी एक समय पर महसूस किया था। 30 मई को मैं अपने पिता के साथ उस पल को एंजॉय करने के लिए बेताब हूं।’ रितु दुहन बटालियन कैडेट कैप्टन बनने वाली पहली महिला रितु दुहन को बटालियन कैडेट कैप्टन बनाया गया है। यह पहली बार है जब ये सम्मान किसी महिला को मिला है। रितु अच्छी तरह समझती हैं कि ये सिर्फ सम्मान नहीं है बल्कि जिम्मेदारी भी है। वो कहती हैं, ‘हम यहां सिर्फ ट्रेनिंग पूरी नहीं कर रहे हैं बल्कि आगे आने वाले बैचेज के लिए एक इंस्पिरेशन भी हैं। हम ही उन्हें बताएंगे कि लीडर कैसा होता है।’ 2022 से अब तक 126 महिलाएं NDA में शामिल हुईं रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने मार्च, 2025 में संसद में बताया था कि 2022 में महिला कैडेट्स के पहले बैच की एंट्री के बाद से अब तक NDA में 126 महिलाओं को एडमिशन मिला है। उनमें से 121 अभी ट्रेनिंग ले रही हैं। पांच कैडेट्स ने इस्तीफा दे दिया था। 121 महिलाएं देश के 17 राज्यों से हैं। उनमें से एक कैडेट कर्नाटक से है। हरियाणा की सबसे ज्यादा 35 महिला कैडेट हैं। उसके बाद उत्तर प्रदेश की 28, राजस्थान की 13 और महाराष्ट्र की 11 हैं। दक्षिणी राज्यों में, कर्नाटक की एक कैडेट के अलावा, केरल की चार कैडेट भी NDA में शामिल हुई हैं। एकेडमी छोड़ने वाली पांच कैडेट हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, केरल, पंजाब और उत्तर प्रदेश से हैं। इंडियन आर्मी में 12 लाख पुरुषों के मुकाबले 7 हजार महिलाएं संसद में दी गई जानकारी के मुताबिक, इंडियन आर्मी में करीब 12 लाख पुरुष हैं, जबकि महिलाओं की संख्या तकरीबन 7 हजार ही है। पुरुषों के लिहाज से महिलाओं का अनुपात 0.56 फीसदी ही है। एयर फोर्स में करीब 1.5 लाख पुरुष हैं। महिलाओं की संख्या 1600 ही है। यहां अनुपात 1 फीसदी से थोड़ा ज्यादा है। इसके अलावा इंडियन नेवी में पुरुषों की संख्या दस हजार है, जबकि महिलाएं 700 ही हैं। इस फोर्स में महिलाओं का प्रतिशत 6.5 है। तीनों सेनाओं में कुल 9118 महिला अधिकारी भारत की तीनों सेनाओं में कुल मिलाकर करीब 9,118 महिलाएं हैं। भारत की तीनों सेनाओं में साल 2019 की तुलना में 2020 में महिलाओं की संख्या बढ़ी है। भारत में महिलाएं फाइटर एयरक्राफ्ट उड़ाने और समुद्र में सैनिक जहाजों पर अहम जिम्मेदारियां संभालने के साथ ही स्पेशल ऑपरेशन के जरिए दुश्मन को सबक सिखाने में अहम भूमिकाएं निभा रही हैं। अगर पुरुषों और महिला अधिकारियों के रेशो की बात करें तो सबसे अधिक महिलाएं नेवी में काम कर रही हैं। नेवी की कुल क्षमता का लगभग 6.5 फीसदी महिलाएं हैं। ऐसे शुरू हुआ सेना में महिला अफसरों की भर्ती का सफर सेना में महिला अफसरों की भर्ती की शुरुआत वर्ष 1992-93 में अंजना भदौरिया और प्रिया झिंगन को कमीशन देने के साथ हुई थी। इससे पहले महिलाएं शॉर्ट सर्विस कमीशन के तहत ही चुनिंदा विंग और ब्रांच में ही कार्य कर सकती थीं। शॉर्ट सर्विस कमीशन होने के चलते वे सिर्फ लेफ्टिनेंट कर्नल के पद तक ही पहुंच सकती थीं। 2017 में महिलाओं को जवान रैंक पर भर्ती करने का फैसला लिया गया था। 2030 तक 1700 महिला सैनिकों को कोर ऑफ मिलिट्री पुलिस में शामिल करने की योजना है। इससे धीरे-धीरे उन्हें सेना का अहम हिस्सा बनाया जा सकेगा। ----------------- सवाल अभी भेजने के लिए यहां क्लिक करें ऐसी 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