6 और 7 मई की दरमियानी रात, भारतीय मिसाइलों ने पाकिस्तान और PoK में मौजूद 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया। इस कार्रवाई से बौखलाई पाकिस्तानी सेना ने सीमा से सटे इलाकों में गोलीबारी शुरू कर दी। पाकिस्तानी पोस्ट से महज 150 मीटर दूर भारत के अखनूर पोस्ट की कमान असिस्टेंट कमांडेंट नेहा भंडारी के हाथ में थी। उन्होंने अपनी टीम के साथ फौरन मोर्चा संभाला और पाकिस्तानी पोस्ट पर जवाबी फायरिंग बरसा दी। सबसे संवेदनशील माने जाने वाले सांबा, आर.एस. पुरा और अखनूर सेक्टर्स में नेहा भंडारी के अलावा 6 और महिला कांस्टेबल तैनात थीं। नेहा की अगुआई ने भारतीय सुरक्षाकर्मियों ने पाकिस्तानी गोलीबारी का जवाब देना शुरू कर दिया। 3 दिन और 3 रात तक चली इस सीधी लड़ाई में नेहा भंडारी और उनकी टीम ने पाकिस्तानी फौज को अपनी पोस्ट्स छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया। अपने शानदार नेतृत्व से दुश्मन की बंदूकें शांत करने के लिए असिस्टेंट कमांडेंट नेहा भंडारी को कमेंडेशन डिस्क से सम्मानित किया गया। तीसरी पीढ़ी की सुरक्षाकर्मी हैं नेहा भंडारी नेहा भंडारी उत्तराखंड की रहने वाली हैं और तीसरी पीढ़ी की सुरक्षाकर्मी हैं। उनके दादा भारतीय सेना के जवान थे, जबकि पिता और माता दोनों CRPF में सेवा दे चुके हैं। 2022 में नेहा ने UPSC CAPF भर्ती क्लियर की और BSF में असिस्टेंट कमांडेंट के तौर पर भर्ती हुई। नेहा भंडारी BSF की पहली महिला अधिकारी हैं जिन्होंने सीधी लड़ाई में अग्रिम पोस्ट की कमान संभाली। 30 मई को, सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने नेहा भंडारी को 'कमेंडेशन डिस्क' से सम्मानित किया है। -------------------
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